तेरी कहानी, तेरी ज़ुनाबी !!
माना कि राहोँ में काँटें हैं तेरे ,
पर तूने रूकना सीखा ना कभी ।
माना कि सवेरे धुँधले हैं तेरे ,
पर तूने थमना सीखा ना कभी ॥
आसान राहें चुनी कब हैं तूने,
ये ज़िद्दी सवेरे तेरे ।
खुद से किये वादों के, वो ढृढ़ इरादों के,
दिल में बसेरे तेरे ॥
जो बातें तेरी कह ना पाई ज़ुबाँ कभी,
वो आँखें तेरी कर देंगी बयान ।
जो गम हंसी में छुपा लिए हैं तूने कहीं ,
वो तेरी खामोशियों में गूँजेंगे सदा ॥
रोके ना रुकेगा कभी तू,
रख खुद पे यक़ीन तू इतना ।
तेरी कहानी, तेरी ज़ुबानी,
इक दिन सुनेगा ये सारा जहाँ ॥