कुछ पाना है , कुछ कर दिखाना है
आसमां का रुख बदल के दिखाओ
ज़मीन को आसमां से मिला के दिखाओ
कुछ करना है तो दुनिया बदल के दिखाओ
वतन पर मर मिटने वाला ही सिर्फ देश प्रेमी नही होता
देश प्रेम दिखाना है तो देश को बदल के दिखाओ
कुछ करना है तो देश को बेहतर बना के बताओ
हर वक्त जन्म लेते हैं सैकड़ों लोग इस धरा पे
लेकिन हर कोई अब्दुल और कल्पना की तरह आसमां नही छूता
लोग जीते हैं और फिर मर जाते हैं
लेकिन किसी का कोई नामोनिशां नही होता
आये तो बहुत से इस जहाँ पे और फिर चले गए
लेकिन हर कोई लेनिन और गांधी की तरह महान नहीं होता |
अगर हमें भी इनकी तरह महान बनना है तो
देश के लिए कुछ बेहतर कर दिखाना होगा
और अमेरिका और रूस की टक्कर में इसे भी पहुँचाना होगा
हज़ारों की इस भीड़ में असली खिलाडी वही कहलायेगा
जो बिना थमे बिना रुके आसमां को छूके दिखायेगा ॥
(Poem written by me when I was at eighth standard)
(Poem written by me when I was at eighth standard)
absolutely lovely
ReplyDeletethanks :)
ReplyDeleteI feel I was more talented when I was kid.....ab to pata nhi "hum kis gali ja rahe h" wali feeling reh gayi h :P ;)